सुबह से बादल गरजता रहा,
रात भर रात रोती रही.
मेरा जनाज़ा उठता रहा,
उसकी बारात होती रही.
वो नहीं मिला मुझे तो क्या हुआ,
एक बरसात ही थी जो साथ होती रही.
क्या मेरे साथ आओगी,
बारिश के दर्द को सुन पाओगी?
सुबह से बादल गरजता रहा,
रात भर रात रोती रही.
मेरा जनाज़ा उठता रहा,
उसकी बारात होती रही.
वो नहीं मिला मुझे तो क्या हुआ,
एक बरसात ही थी जो साथ होती रही.
क्या मेरे साथ आओगी,
बारिश के दर्द को सुन पाओगी?